ब्राज़ील के कोच स्कोलारी का इस्तीफ़ा

विश्व कप फुटबॉल के सेमी फाइनल में जर्मनी से 7-1 से हार और फिर तीसरे स्थान के लिए हॉलैंड से 3-0 की हार के बाद ब्राज़ील के कोच लुईस फेलीपे स्कोलारी ने अपने पद से इस्तीफ़ा दे दिया है. ब्राज़ील की सरकारी प्रसारण सेवा ग्लोबो टीवी ने ये जानकारी दी है. ब्राज़ील की टीम के ख़राब प्रदर्शन के बाद माना जा रहा था कि स्कोलारी इस्तीफ़े की पेशकश करेंगे. वैसे स्कोलारी का कोच के तौर पर अनुबंध विश्व कप के बाद समाप्त होना ही था लेकिन ग्लोबो टीवी की दी गई जानकारी के मुताबिक़ सोमवार शाम तक ब्राज़ील फ़ुटबॉल फ़ेडरेशन स्कोलारी का इस्तीफ़ा मंज़ूर कर लेगा. एक ब्राज़ीलियन वेबसाइट यूओएल न्यूज़ ने भी ब्राज़ील फ़ुटबॉल फ़ेडरेशन के सूत्रों के हवाले से स्कोलारी के इस्तीफ़े की पुष्टि की. बुरी हार ब्राज़ील की टीम सेमीफ़ाइनल में जर्मनी से 7-1 से हार गई थी जो विश्व कप के इतिहास में उसकी सबसे बड़ी हार थी. इसके बाद तीसरे और चौथे स्थान के लिए हुए मुक़ाबले में भी नीदरलैंड्स ने ब्राज़ील को 3-0 से मात दी थी. उसके बाद स्कोलारी पर अपना पद छोड़ने का दबाव लगातार बढ़ रहा था

जर्मनी चौथी बार बना विश्व चैम्पियन

जर्मनी ने अर्जैंटीना को अतिरिक्त समय में किए हुए गोल से 1-0 से फ़ीफ़ा विश्व कप का फ़ाइनल मुक़ाबला जीत लिया है. जर्मनी के लिए उनका पहला गोल मारियो गोट्ज़े ने 113 वें मिनट में किया और इसके साथ ही जर्मनी 24 साल बाद फिर विश्व चैंपियन बन गया है. वैसे गोल के कई मौके अर्जेंटीना को भी मिले. 21 वें मिनट में अर्जेंटीना के हिगुएन गोल करने का एक आसान मौक़ा चूक गए थे. वहीं 119 वें मिनट में मेसी अपनी फ़्री किक को गोल में नहीं बदल पाए. इस मुकाबले को देखने के लिए स्टेडियम में 79 हजार दर्शक मौजूद थे जबकि दुनिया भर में लगभग एक अरब लोग इसे टीवी पर देख रहे थे. जर्मनी दक्षिण अमरीका में विश्व चैंपियन बनने वाली यूरोप की पहली टीम बन गई है जबकि अर्जेंटीना का खिताब पर कब्जा कर 1986 से चले आ रहे सूखे को दूर करने का सपना, सपना ही रह गया. दोनों ही टीमें विश्व कप में तीन बार एक दूसरे का सामना कर चुकी हैं और पलड़ा 1-1 से बराबरी पर था लेकिन अब ये आंकड़ा जर्मनी के पक्ष में है. जर्मनी की चांसलर अंगेला मैर्केल भी दर्शक दीर्घा में बैठी थी और जर्मनी की जीत पर वो खुशी से झूम उठी, वहीं कई मशहूर हस्तियों समेत रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, इंग्लैंड के स्टार फ़ुटबॉल खिलाड़ी डेविड बेकहम भी यहां मौजूद हैं.

पढि़ये और तय कीजिए कि क्या सचिन से भी महान है ये खिलाड़ी?





 जब भी क्रिकेट इतिहास के बारे में चर्चा होगी तो 2013 को शायद ही कोई कभी भूल सकेगा। आखिर ये वो साल जो रहा जब क्रिकेट के दो महानतम खिलाड़ियों ने मैदान को अपने-अपने अंदाज में अलविदा कह दिया। एक ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कहा तो दूसरे ने टेस्ट क्रिकेट को अलविदा कहकर अपने पूर्ण संन्यास की राह को तय कर दिया। हम बात कर रहे हैं दक्षिण अफ्रीका के महानतम ऑलराउंडर जैक्स कैलिस और क्रिकेट इतिहास के सबसे सफल बल्लेबाज सचिन रमेश तेंदुलकर की। दोनों ने विदाई के लिए यही साल चुना, ऐसे में ये सवाल अब हमेशा जिंदा रहेगा कि सचिन और कैलिस में कौन था ज्यादा महान क्रिकेटर...?
आमतौर पर जब किसी से ये सवाल पूछा जाता है तो जवाब यही मिलता है कि दोनों की अपनी खूबियां रही, और दोनों ही अपनी-अपनी टीम के लिए क्रिकेट के बादशाह रहे..लेकिन फिर भी सवाल जगजाहिर है कि इन दोनों की टक्कर में आखिर कौन था सर्वश्रेष्ठ? आइए दोनों खिलाड़ियों के कुछ खास पहलुओं पर गौर फरमाते हैं जो काफी हद तक ये स्पष्ट करने जरूर हो जाएगा कि महान जरूर दोनों थे लेकिन कहीं ना कहीं ये क्रिकेट की सबसे बड़ी बहस बन सकती है।
1. सचिन तेंदुलकर (भारत):
इस महान क्रिकेटर ने अपने करियर में बल्ले से वो सभी चीजें हासिल की जिसकी कामना कोई भी क्रिकेटर रखता होगा। कागजों पर शायद उनसे बेहतर ना तो कोई था और ना ही आगे कोई हो सकेगा। 24 सालों के करियर के रिकॉर्ड 200 टेस्ट मैचों में रिकॉर्ड 15,921 रन और रिकॉर्ड 51 शतक, वनडे में रिकॉर्ड 463 मैचों में रिकॉर्ड 18,426 रन और रिकॉर्ड 49 शतक। ये वो विशालकाय आंकड़े हैं जो एक बेहतरीन क्रिकेटर, एक महानतम क्रिकेटर का स्तर बयां करते हैं। शांत स्वभाव और बल्ले से बोलने वाले इस खिलाड़ी ने जितनी लोकप्रियता मैदान में रहकर कमाई उतना ही विवादों से दूर रहकर, मैदान से बाहर भी। भारतीय क्रिकेट के साथ-साथ दुनिया के करोड़ों क्रिकेट फैंस ने उन्हें इस खेल के भगवान का दर्जा दिया और वो ऐसी विदाई लेकर गए जिसका सपना देखते-देखते खिलाड़ियों के करियर समाप्त हो गए।
2. जैक्स कैलिस (दक्षिण अफ्रीका):
सचिन तेंदुलकर ने बेशक बल्ले से कई कीर्तिमान बनाए हों, बेशक कई बार उन्होंने ऐसे इतिहास रचे जिससे भारत और दुनिया के तमाम खेल प्रेमियों ने उन्हें सलाम किया, लेकिन दक्षिण अफ्रीकी टीम में एक खिलाड़ी ऐसा था जो बिना ज्यादा फोकस, बिना ज्यादा लाइम लाइट के हमेशा फैंस के दिल में जगह बनाता गया और जाते-जाते भी महानता का अहसास करा गया। नाम है जैक्स कैलिस। इस 38 वर्षीय खिलाड़ी ने भारत के खिलाफ डरबन टेस्ट से जब संन्यास का ऐलान किया तब भी वो ढलते नहीं दिखे और तकरीबन 20 साल के करियर के बाद भी जाते-जाते अपना 45वां शतक लगाकर पवेलियन लौटे। कुछ लोग कैलिस को सबसे महान क्रिकेटर के तौर पर इसलिए तरजीह देते हैं क्योंकि उन्होंने मैदान के हर डिपार्टमेंट में अपना योगदान दिया और सर्वश्रेष्ठ स्तर पर दिया। उन्होंने 166 टेस्ट मैचों में 13,289 रन बनाए, डरबन टेस्ट की पहली पारी तक उन्होंने 292 विकेट भी लिए, यही नहीं, फील्डिंग में भी वो अव्वल रहे और 200 कैच लेकर कैच लेने के मामले में दुनिया के दूसरे नंबर के टेस्ट खिलाड़ी बने। इसके अलावा 325 वनडे मैचों में 17 शतक के साथ 11,574 रन तो बनाए ही, साथ ही यहां भी 273 विकेट लिए और 129 कैच लपके, वहीं उनका वनडे का करियर अब भी बाकी है और 2015 विश्व कप खेलना उनका लक्ष्य है। ना जाने तब तक ये खिलाड़ी और क्या-क्या रिकॉर्ड अपने नाम करेगा। जो भी हो लेकिन हर डिपार्टमेंट में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन देना और लगातार ऐसा करना हर खिलाड़ी के बस की बात नहीं होती।

टेस्ट मैच देखने पहुंचे रिकॉर्ड लोग

मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड
इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया के बीच गुरुवार को एशेज़ सिरीज़ के चौथे टेस्ट के पहले दिन का खेल देखने के लिए 91 हज़ार से ज़्यादा दर्शक जमा हुए जो एक विश्व रिकॉर्ड है.
मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड, एमसीजी, पर खेले जा रहे टेस्ट मैच को देखने 91,092 फैन्स स्टेडियम में मौजूद थे
समाचार एजेंसी एपी के मुताबिक इससे पहले एक दिन में टेस्ट मैच देखने पहुंचे दर्शकों की रिकॉर्ड संख्या 90,800 थी.
ये रिकॉर्ड 1961 में वेस्ट इंडीज़ और ऑस्ट्रेलिया के बीच पांचवे टेस्ट मैच के दूसरे दिन एमसीजी पर ही बना था.
दिलचस्प बात ये है कि पिछले सप्ताह पर्थ में तीसरा टेस्ट मैच जीतकर मेज़बान ऑस्ट्रेलिया पहले ही क्लिक करेंएशेज़ पर कब्ज़ा कर चुकी है. इसके बावजूद ऑस्ट्रेलियाई फ़ैन्स अपनी टीम को देखने के लिए रिकॉर्ड संख्या में पहुंचे.
इसकी वजह ये हो सकती है कि मौजूदा सिरीज़ से पहले ऑस्ट्रेलिया की टीम लगातार तीन बार एशेज़ शृंखला हार चुकी था और इसलिए इस जीत ने फ़ैन्स में नया उत्साह भर दिया है.

'विरला अनुभव'

स्थानीय समय शाम चार बज कर 15 मिनट पर स्टेडियम के स्कोरबोर्ड पर विश्व रिकॉर्ड का संदेश दिखाया गया.
ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाज़ रयान हैरिस ने कहा, "नब्बे हज़ार से ज़्यादा लोगों के सामने खेलना....स्टेडियम में शोर की आवाज़ अविश्वसनीय थी."
दिन का खेल ख़त्म होने के बाद पत्रकार सम्मेलन में हैरिस ने कहा, "टीम के सदस्य बेहद उत्साहित हैं कि वे इतने सारे लोगों के सामने खेले. और स्टेडियम में शोर तो अविश्वसनीय था. ख़ासकर आखिर में जब मिचेल जॉनसन गेंदबाज़ी करने आए."
इंग्लैंड के उप कप्तान इयन बेल का कहना था कि इतने बड़ी भीड़ के सामने खेलना एक विरला अनुभव था.
बेल ने कहा, "बतौर एक खिलाड़ी आप इस अनुभव को कभी नहीं भूलेंगे. इसलिए मैं मानता हूं कि एमसीजी में खेलने का कोई भी मौका मिलना बहुत शानदार होता है."
क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया के मुख्य कार्यकारी अधिकारी जेम्स सदरलैंड ने कहा, "हम मेलबर्न के क्रिकेट से प्यार करने वाले लोगों और मेलबर्न क्रिकेट क्लब को धन्यवाद और बधाई देना चाहते हैं कि उन्होंने कुछ ख़ास किया है. आने वाले सालों में शहर के निवासी 2013 के बॉक्सिंग डे को उस दिन के तौर पर याद करेंगे जब उनके शहर ने खेल इतिहास बनाया."
एमसीजी की आधिकारिक वेबसाइट के मुताबिक स्टेडियम में ज़्यादा से ज़्यादा एक लाख लोग बैठ सकते हैं. लेकिन इस स्टेडियम में फ़ुटबॉल और ऑस्ट्रेलियाई नियमों वाली फुटबॉल के मैचों के लिए इससे भी ज़्यादा लोग जुटे हैं.